दूरदर्शन का एनालॉग टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन अब कुछ समय बाद इतिहास बन जायेगा जिसका मुख्य कारण प्रसार भारती के द्वारा तकनीक बदलने को लेकर उठाये गए कदम। जो निम्न है।
आखिर क्यों एनालॉग ट्रांसमिशन को बंद करने की आवश्यकता पड़ी?
ट्राई, एमआईबी, बीएआरसी, एमआईबी की समितियां, आदि एनालॉग टेररिस्ट्रियल ट्रांसमिशन (ATT ) के लिए दूरदर्शन द्वारा इस्तेमाल की गई फ्रीक्वेंसी के उपयोग का पता किया गया था । इन समितियों ने पाया कि एनालॉग टेररिस्ट्रियल ट्रांसमिशन (ATT ) के द्वारा टेलीविजन प्रसारण की पद्धति अब अक्षम होने के अलावा, अप्रासंगिक हो गई है।
जनवरी 2014 में प्रसार भारती पर विशेषज्ञ समिति ने वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों के प्रसार और दूरदर्शन के प्रसारण के प्राथमिक माध्यम के रूप में ( डीडी डायरेक्ट प्लस ) डीडी फ्री डिश डीटीएच को अपनाने की सिफारिश की थी, और कुछ अंतराल के बाद एनालॉग टेरेस्ट्रियल टीवी ब्रॉडकास्ट को बंद करने को कहा।
तो क्या पुराने ऐन्टेना का कोई इस्तेमाल नहीं है?
जहाँ एनालॉग टेररिस्ट्रियल ट्रांसमिशन बंद किया गया है और डिजिटल ट्रांसमिशन चालू होने में समय है वहां इनका अभी कोई इस्तेमाल नहीं है लेकिन जहाँ डिजिटल ट्रांसमिशन चल रहा है वहां इस ऐन्टेना का फिर से उपयोग शुरू हो जायेगा।
दूरदर्शन में इस्तेमाल होने वाला पुराने ऐन्टेना के बारे में जाने
मुख्य शहरों में पहले से ही एनालॉग ट्रांसमिशन बंद है -
भारत के मुख्य शहरों में पहले से ही एनालॉग ट्रांसमिशन बंद हो चूका है और उसी फ्रीक्वेंसी पर अब डिजिटल ट्रांसमिशन चालू हो चूका है। पहले उसी एक फ्रीक्वेंसी पर केवल दूरदर्शन आता था अब डिजिटल प्रसारण चालू होने से 8 चैनल चल रहे है वो भी डिजिटल पिक्चर और साउंड क्वालिटी में।
प्रसार भारती के पास अब इस डिजिटल ट्रांसमिशन ब्रॉडकास्ट में लोकल शहरों के टीवी चैनल को इ-ऑक्शन के माध्यम से जोड़ने का विकल्प खुल गया है।
लेकिन फिलहाल जहाँ एनालॉग ट्रांसमिशन बंद किया गया है वहां लोगो को डीडी फ्री डिश अपनाने के लिए प्रेरित किया जायेगा। हालाँकि 98 प्रतिशत भारत की जनता पहले से ही डीडी फ्री डिश, अन्य डीटीएच या केबल टीवी इस्तेमाल कर रही है।
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जवाब देंहटाएंBhut kharab hua
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