दूरदर्शन एनालॉग टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन बंद हो जाएगा

दूरदर्शन का एनालॉग टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन अब कुछ समय बाद इतिहास बन जायेगा जिसका मुख्य कारण प्रसार भारती के द्वारा तकनीक बदलने को लेकर उठाये गए कदम। जो निम्न है।

  • सामरिक क्षेत्रों यानी जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में 54 एटीटी (एनालॉग टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन) यथास्थिति बनाए रखी जाएगी।
  • 151 एटीटी (एनालॉग टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन) (जिसमे पूर्वोत्तर राज्यों में 43 एटीटी और 108 डिजिटल रेडी एटीटी है ) को 31 मार्च 2022 तक बंद करने तक, अब से से एक ही शिफ्ट में संचालित किया जाएगा।
  • उग्रवाद/सीमा/आकांक्षी क्षेत्रों में संचालित 109 एटीटी (एनालॉग टेरेस्ट्रियल ट्रांसमिशन) को तत्काल प्रभाव से एक ही पाली में संचालित किया जाएगा और जिसे 31 दिसंबर 2021 तक बंद कर दिया जाएगा, जिससे डीडी फ्रीडिश के प्रचार के लिए कुछ और समय मिल जाएगा।
  • शेष क्षेत्रों में 152 एटीटी 31 अक्टूबर 2021 तक बंद कर दिए जाएंगे। करीब 37 एटीटी जगहों पर सीटीआई काम कर रही है। इन ATT को बंद किया जा सकता है हालांकि आगे की कार्यवाही जाँच के आधार पर की जा सकती है और आगे निर्णय लिया जायेगा।
  • डीडी एटीटी साइटें जो निजी तौर पर किराए पर ली गई हैं और कोई AIR/FM मौजूद नहीं है जिन्हें खाली करने का प्रस्ताव है।

  • Analog Terrestrial Transmission - DTT Shutdown in India

    आखिर क्यों एनालॉग ट्रांसमिशन को बंद करने की आवश्यकता पड़ी?

    ट्राई, एमआईबी, बीएआरसी, एमआईबी की समितियां, आदि एनालॉग टेररिस्ट्रियल ट्रांसमिशन (ATT ) के लिए दूरदर्शन द्वारा इस्तेमाल की गई फ्रीक्वेंसी के उपयोग का पता किया गया था । इन समितियों ने पाया कि एनालॉग टेररिस्ट्रियल ट्रांसमिशन (ATT ) के द्वारा टेलीविजन प्रसारण की पद्धति अब अक्षम होने के अलावा, अप्रासंगिक हो गई है।

    जनवरी 2014 में प्रसार भारती पर विशेषज्ञ समिति ने वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों के प्रसार और दूरदर्शन के प्रसारण के प्राथमिक माध्यम के रूप में ( डीडी डायरेक्ट प्लस ) डीडी फ्री डिश डीटीएच को अपनाने की सिफारिश की थी, और कुछ अंतराल के बाद एनालॉग टेरेस्ट्रियल टीवी ब्रॉडकास्ट को बंद करने को कहा।

    तो क्या पुराने ऐन्टेना का कोई इस्तेमाल नहीं है?

    जहाँ एनालॉग टेररिस्ट्रियल ट्रांसमिशन बंद किया गया है और डिजिटल ट्रांसमिशन चालू होने में समय है वहां इनका अभी कोई इस्तेमाल नहीं है लेकिन जहाँ डिजिटल ट्रांसमिशन चल रहा है वहां इस ऐन्टेना का फिर से उपयोग शुरू हो जायेगा।


    दूरदर्शन में इस्तेमाल होने वाला पुराने ऐन्टेना के बारे में जाने

    मुख्य शहरों में पहले से ही एनालॉग ट्रांसमिशन बंद है -

    भारत के मुख्य शहरों में पहले से ही एनालॉग ट्रांसमिशन बंद हो चूका है और उसी फ्रीक्वेंसी पर अब डिजिटल ट्रांसमिशन चालू हो चूका है। पहले उसी एक फ्रीक्वेंसी पर केवल दूरदर्शन आता था अब डिजिटल प्रसारण चालू होने से 8 चैनल चल रहे है वो भी डिजिटल पिक्चर और साउंड क्वालिटी में।

    प्रसार भारती के पास अब इस डिजिटल ट्रांसमिशन ब्रॉडकास्ट में लोकल शहरों के टीवी चैनल को इ-ऑक्शन के माध्यम से जोड़ने का विकल्प खुल गया है।

    लेकिन फिलहाल जहाँ एनालॉग ट्रांसमिशन बंद किया गया है वहां लोगो को डीडी फ्री डिश अपनाने के लिए प्रेरित किया जायेगा। हालाँकि 98 प्रतिशत भारत की जनता पहले से ही डीडी फ्री डिश, अन्य डीटीएच या केबल टीवी इस्तेमाल कर रही है।

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    2 Comments
    • Unknown
      Unknown 17 अक्तूबर 2021 को 3:42 am बजे

      अच्छा नहीं हुआ गरीबों को मनोरंजन के लिए सेट टॉप बॉक्स खरीदने के लिए अलग से खर्च करना पड़ेगा

    • Unknown
      Unknown 23 अक्तूबर 2021 को 8:24 am बजे

      Bhut kharab hua

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