एमपीईजी -4 स्लॉट -
यह एक स्पेसल स्लॉट है जो टीवी चैनल को एमपीईजी -4 क्वालिटी में टीवी चैनल को प्रसारित करता है। इसमें ऑडियो और वीडियो का साइज पहले की तुलना आधा होता है और देखने और सुनने में क्वालिटी भी बेहतर होती है।
एमपीईजी -4 टीवी चैनल प्राप्त करने के लिए, उपयोगकर्ताओं के पास एमपीईजी -4 समर्थित सेट-टॉप बॉक्स होना चाहिए।
लेकिन अगर आप नया बॉक्स लेने की सोच रहे है तो DVB-S2X और HEVC के साथ ही ले। क्युकी हो सकता है भविष्य में प्रसार भारती चैनल बढ़ाने के लिए HEVC/H.265 तकनीक का प्रयोग करे। जैसे MPEG-2 से MPEG-4 में किया है। HEVC / H.265 कम्प्रेस करने की आगे की लेटेस्ट तकनीक है।
ऐसे समझे उदाहरण के द्वारा -
एक MPEG-2 चैनल में जितनी ब्रैंडविड्थ या स्पेस लगता है उसमे -- एक MPEG-2 चैनल = उस ब्रैंडविड्थ या स्पेस में MPEG-4 के दो चैनल चलते है।
- दो MPEG-4 चैनल - उतनी ब्रैंडविड्थ या स्पेस में चार HEVC / H.265 चैनल्स चलेंगे
अर्थात
एक MPEG-2 चैनल में जितनी ब्रैंडविड्थ या स्पेस लगता है उतने ब्रैंडविड्थ या स्पेस में चार HEVC / H.265 चैनल्स चलेंगे।
नयी तकनीक अपनाने के फायदे -
- फ्रीडिश के चैनल्स को 150 से बढाकर 600 तक किया जा सकता है। अगर HEVC / H.265 तकनीक को पूरी तरह अपना लिया जाए, तो।
- इसमें केवल एक ही समस्या है की पुराने सारे बॉक्स बेकार हो जायेगे। जैसे 4G स्मार्टफोन आने से 2G/3G फ़ोन ख़त्म हो गए। लेकिन नयी तकनीक अपनाने से सुस्त मार्किट में खरीदारी बढ़ती है।
- लोगो को ज्यादा से ज्यादा चैनल्स फ्री में मिलेंगे।
- प्रसार भारती की आय स्लॉट बढ़ने से बढ़ेगी।
- स्लॉट ज्यादा होने से स्लॉट की कीमत कम हो सकती है, जिससे मध्यम आय वाले टीवी चैनल्स भी जुड़ सकते है।
- HEVC / H.265 तकनीक की पिक्चर और साउंड क्वालिटी mpeg-2 और mpeg-4 से कई गुना अच्छी है।
- फ्रीडिश पर HD चैनल्स के लिए भी स्लॉट रिज़र्व हो सकते है।